लखनऊ (ब्यूरो)। एक तरफ जहां अस्पतालों में डॉक्टर्स पर मरीजों का लोड रहता तो वहीं फार्मासिस्ट मरीजों को दवा देने की मशक्कत करते नजर आते हैं। इस बीच आयुर्वेद विभाग के निदेशक ने प्रदेश भर के क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए बिजली की व्यवस्था दुरुस्त करने के आदेश दिए हैं। अब अस्पतालों की फार्मेसी में बिजली के पुख्ता इंतजाम को भी देखना होगा। बिजली न होने की स्थिति में कार्यवाही भी हो सकती है। इस आदेश से डॉक्टर्स व फार्मासिस्ट परेशान हैं कि आखिर वे मरीज देखें या बिजली व्यवस्था।
कई जगहों पर बिजली की नहीं है व्यवस्था
आयुर्वेद विभाग निदेशक द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, डॉक्टर और फार्मासिस्ट को अब बिजली कनेक्शन से लेकर बिल जमा करने तक की जिम्मेदारी निभानी होगी। दरअसल, प्रदेश की बहुत सी डिस्पेंसरी में अभी भी बिजली कनेक्शन नहीं है, जिसकी वजह से मरीजों के इलाज से लेकर उनको दवा बांटने तक में परेशानी झेलने पड़ती है। प्रदेश भर में विभाग के हजार से अधिक अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करने का भी इंतजाम है, जहां 4 से लेकर 25 बेड तक की व्यवस्था है। हालांकि, कई अस्पतालों में बिजली न होने से मरीजों को भर्ती भी नहीं किया जा पा रहा है।
डॉक्टर व फार्मासिस्ट असहज
अस्पतालों में बिजली की समस्या को देखते हुए ग्राम प्रधानों व स्थानीय लोगों की शिकायत के बाद आयुर्वेदिक निदेशक ने अस्पतालों में बिजली व्यवस्था करने का आदेश जारी किया है। जिन अस्पतालों में बिजली कनेक्शन नहीं हैं, उनमें कनेक्शन की जिम्मेदारी डॉक्टर व फार्मासिस्ट को दी गई है। निदेशक के आदेश से डॉक्टर व फार्मासिस्ट असहज हैं क्योंकि कई अस्पतालों में डॉक्टर तो कई में फार्मासिस्ट तैनात ही नहीं है। ऐसे में, दवा लाने से लेकर उसे मरीजों को वितरित करने की जिम्मेदारी डॉक्टर या फार्मासिस्ट पर ही रहती है। नए आदेश के बाद उनका कहना है कि वे बिजली की व्यवस्था दुरुस्त करें या फिर मरीजों का इलाज करें, जबकि बिजली से जुड़ा काम तो किसी ट्रेंड टेक्नीशियन द्वारा किया जाना चाहिए।