आगरा के ट्रांस यमुना थाना क्षेत्र के इस्लाम नगर से लखनऊ ले जाकर चार बहनों और मां की हत्या के आरोपी अरशद की कुंडली खंगालने में पुलिस लगी है। अब तक करीब 100 लोगों से पूछताछ कर 12-13 लोगों को हिरासत में ले रखा है। पुलिस को पता चला है कि दिल्ली में रहने वाले अपने दोस्त के माध्यम से अरशद के पिता बदर ने इस्लाम नगर में प्लॉट खरीदा था। अरशद का बचपन यहां पर गुजरा। वो बचपन से ही अलग-अलग रहता था। बस्ती में अन्य बच्चों से भी कम ही वो मतलब रखता था।
मोहल्ले के लोगों से पुलिस को पता चला है कि अरशद के पिता मोहम्मद बदर बदायूं के थे। पहली पत्नी की मौत के बाद उन्हाेंने संभल की असमां से शादी की थी। पहले दिल्ली में सिलाई का काम करते थे। इस्लाम नगर निवासी बाबू खां उस्मानी ने बताया कि मोहम्मद बदरूद्दीन उर्फ बदर 2009 में परिवार के साथ उनके मोहल्ले में किराए पर रहने आया था।
तब वह अपने मकान के पास ही एक गली में रहने वाले हाजी साहब के घर में परिवार सहित तीन साल तक रहा। 2012 में बदर ने दिल्ली में साथ काम करने वाले एक दोस्त बाबू से संपर्क किया। उन्होंने नंदलालपुर निवासी अपने दोस्त मास्टर बन्ने से बदर को मकान दिलाने के लिए बोला। इस पर बन्ने खां ने इस्लाम नगर में हसीना पत्नी निसार से एक लाख रुपये में 100 वर्ग गज का प्लॉट बदर को दिलवा दिया।
मास्टर बन्ने खां ने बताया कि वह 1984 में दिल्ली काम करने के लिए गए थे। वहां उनकी बाबू से दोस्ती हुई थी। वह 1994 में वापस अपने गांव आ गए। तब 2012 में उनके दोस्त बाबू खां ने बदर को उनके पास भेजा था। तब उन्हें बदर ने बताया था कि अपने बड़े भाई के साथ 30 वर्ष पहले दिल्ली गया था। उसके भाई की कैंसर से मृत्यु हो गई थी। तब से वह परिवार सहित दिल्ली में मौजपुर गोंडा में रहता था। परिवार के अन्य लोग बदायूं में रहते हैं। ससुराल संभल में है।