लखनऊ (ब्यूरो)। चिनहट के मटियारी में इंडियन ओवरसीज बैंक के 42 लॉकर काटने के मामले में पुलिस ने 10 दिनों के बाद बैंक मैनेजर समेत सात कर्मियों से पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए। पुलिस के 11 सवालों में सभी फंस गए। अब सभी की मोबाइल सीडीआर निकाली जाएगी। साथ ही उनका नाम-पता भी लिया गया है। कुछ भी संदिग्ध मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
खंगाली जाएगी सीडीआर
बैंक के लॉकर काटने के मामले की विवेचना गोमतीनगर इंस्पेक्टर राजेश त्रिपाठी को मिलने के बाद से वह दो बार घटना स्थल का निरीक्षण कर चुके हैं। साथ ही संबंधित से पूछताछ भी की गई है। मामले में बैंक मैनेजर समेत सात लोगों को बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस जारी किया गया था। करीब 10 दिन बाद बैंक मैनेजर समेत सात कर्मी पहुंचे और बयान दर्ज कराए। पुलिस को कर्मियों ने बताया कि पड़ोसी के माध्यम से बैंक की दीवार में छेद होने की जानकारी मिली थी। सूचना पर पहुंचे तो देखा कि बैंक के लॉकर टूटे हुए थे। उसमें रखा सामान गायब था। कुछ जवाबों से संतुष्ट न होने पर कर्मियों के नंबरों की सीडीआर निकाली जा रही है ताकि बदमाशों के पास से बरामद हुए मोबाइल नंबर के सीडीआर से मिलान कराया जा सके।
कार मालिक का पता नहीं
बैैंक लॉकर चोरी मामले में पुलिस एनकाउंटर के दौरान बदमाशों के पास से पुलिस को दो बिना नंबर की कार भी बरामद हुई थीं। हालांकि, पुलिस का दावा है कि दोनों कारों का यूज वारदात को अंजाम देने में नहीं किया गया था बल्कि बदमाशों के फरार होने में उनका यूज किया गया था। कार कहां से आई और उन्हें किसने उपलब्ध कराई न तो पुलिस के पास इसका कोई जवाब है और न ही अब तक कारों के असली मालिकों का पता चल सका है।
अभी हो सकते हैं कई खुलासे
डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने बताया कि जल्द ही कार के इंजन व चेचिस नंबर के आधार पर आरटीओ के माध्यम से कार के असली मालिक का पता लगाया जाएगा। बरामद कार माल मुकदमाती है और उसके असली मालिक के साथ बदमाशों तक कार कैसे पहुंची, इस कड़ी का भी खुलासा किया जाएगा। वहीं, पुलिस तीन जनवरी के बाद बदमाशों की रिमांड मिलने के बाद कुछ और खुलासे होने की उम्मीद जता रही है।